भगवान शिव में विलय हो जाने को शिव योग कहते हैं। कोई भी व्यक्ति जिसका भगवान शिव में विलय हो चुका है या इसके लिए बताये गये अभ्यास का आचरण कर रहा है, वह है शिव योगी।
गृह्यसूत्र वेदों का एक हिस्सा है, जिसमें परिवार और घरेलू जीवन से संबंधित संस्कारों, अनुष्ठानों, और नियमों का विवरण होता है। यह वैदिक काल के सामाजिक और धार्मिक जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है। गृह्यसूत्रों में विभिन्न प्रकार के संस्कारों का वर्णन है, जैसे कि जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन (पहली बार अन्न ग्रहण करना), उपनयन (यज्ञोपवीत संस्कार), विवाह, और अंत्येष्टि (अंतिम संस्कार) आदि। ये संस्कार जीवन के प्रत्येक महत्वपूर्ण चरण को चिह्नित करते हैं। प्रमुख गृह्यसूत्रों में आश्वलायन गृह्यसूत्र, पारस्कर गृह्यसूत्र, और आपस्तंब गृह्यसूत्र शामिल हैं। ये ग्रंथ विभिन्न ऋषियों द्वारा रचित हैं और विभिन्न वैदिक शाखाओं से संबंधित हैं।गृह्यसूत्रों का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है क्योंकि ये न केवल व्यक्तिगत जीवन के संस्कारों का विवरण प्रदान करते हैं बल्कि समाज में धार्मिक और नैतिक मानकों की स्थापना भी करते हैं।
अपशकुन के अशुभ प्रभाव को दूर करने का मंत्र
अनुहवं परिहवं परिवादं परिक्षवम् । सर्वैर्मे रिक्तकुम्भ....
Click here to know more..श्रीहरि बताते हैं रामावतार में वे कैसे परतंत्र थे
राम पद्म स्तोत्र
नमस्ते प्रियपद्माय नमः पद्माप्रियाय ते । नमः पद्मश्रिय....
Click here to know more..Astrology
Atharva Sheersha
Bhagavad Gita
Bhagavatam
Bharat Matha
Devi
Devi Mahatmyam
Festivals
Ganapathy
Glory of Venkatesha
Hanuman
Kathopanishad
Mahabharatam
Mantra Shastra
Mystique
Practical Wisdom
Purana Stories
Radhe Radhe
Ramayana
Rare Topics
Rituals
Rudram Explained
Sages and Saints
Shani Mahatmya
Shiva
Sri Suktam
Story of Sri Yantra
Temples
Vedas
Vishnu Sahasranama
Yoga Vasishta