मां काली की महिमा

ma kali

पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार मां काली की महिमा अनन्त और अतुल्य हैं।

उनका रंग काजल के समान है; इसलिए काली कहलाती है।

दुर्गा सप्तशती के अनुसार हिमालय पर देवताओं ने मां की स्तुति की थी।

उस समय मां गौरी के शरीर से कौशिकी नामक एक शक्ति बाहर निकल आई।

इसके बाद ही मां का रंग काला हुआ।

काल का नियंत्रण करने से भी मां का नाम काली है।

मां काली ही आद्या शक्ति हैं।

मां अनादि और अनन्त हैं।

प्रलय के समय जब पञ्चभूतात्मक सारी वस्तुएं और देवताओं सहित सारे प्राणी भी नष्ट हो जाते हैं, माता तब भी रहती हैं।

दस महाविद्याओं में मां काली ही सबसे प्रथम हैं।

अन्य महाविद्याएं काली की ही विभूतियां हैं।

मां का ही नीले रंगवाला स्वरूप है तारा देवी।

भक्तों को सुख-भोग और पीडाओं से मुक्ति देने में काली मां सर्वप्रथम रहती हैं।

धार्मिक कार्यों के अन्त में उसकी फल प्राप्ति के लिए दक्षिणा दी जाती है।

काली मां भी सबके कर्मों का फल देनेवाली हैं।

इसलिए उन्हें दक्षिणा काली कहते हैं।

भगवान दक्षिणामूर्ति (शंकर) ने ही उनकी सबसे पहले पूजा की थी; इस कारण से ही मां दक्षिणा काली कहलाती है।

 

 

 

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Comments

sb6ye

What was the name of Karna's foster father?

Adhiratha.

Who was Abhaya in Mahabharata?

Dhritarashtra had a hundred sons called the Kauravas. Abhaya was one among them.

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Narayaniya section of Mahabharata is part of which Parva?
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