हयग्रीव भगवान विष्णु का अवतार हैं ।
समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से भगवान श्री धन्वन्तरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए। भगवान श्री हरि ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि तुम जन्मान्तर में विशेष सिद्धियों को प्राप्त करोगे। धन्वन्तरि ने श्री हरि के तेरहवें अवातार के रूप में काशीराज दीर्घतपा के पुत्र बनकर जन्म लिया। आयुर्वेद का प्रचार करके इन्होंने लोक को रोग पीडा से मुक्त कराने का मार्ग दिखाया।
ॐ भूमिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि। तन्नो भौमः प्रचोदयात्।....
ॐ भूमिपुत्राय विद्महे लोहिताङ्गाय धीमहि।
तन्नो भौमः प्रचोदयात्।
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो मेरी बांसुरी का गीत हो तुम प्रे�....
Click here to know more..क्या किसी को 'सौभाग्य' या 'सफलता' की शुभकामना देना वास्तव में मदद करता है?
क्या किसी को 'सौभाग्य' या 'सफलता' की शुभकामना देना वास्तव म�....
Click here to know more..भगवद गीता - अध्याय 9
अथ नवमोऽध्यायः । राजविद्याराजगुह्ययोगः । श्रीभगवानुवा....
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