संत वाणी - २

34.1K

Comments

zyxh2

रेवती नक्षत्र का उपचार और उपाय क्या है?

जन्म से बारहवां दिन या छः महीने के बाद रेवती नक्षत्र गंडांत शांति कर सकते हैं। संकल्प- ममाऽस्य शिशोः रेवत्यश्विनीसन्ध्यात्मकगंडांतजनन सूचितसर्वारिष्टनिरसनद्वारा श्रीपरमेश्वरप्रीत्यर्थं नक्षत्रगंडांतशान्तिं करिष्ये। कांस्य पात्र में दूध भरकर उसके ऊपर शंख और चन्द्र प्रतिमा स्थापित किया जाता है और विधिवत पुजा की जाती है। १००० बार ओंकार का जाप होता है। एक कलश में बृहस्पति की प्रतिमा में वागीश्वर का आवाहन और पूजन होता है। चार कलशों में जल भरकर उनमें क्रमेण कुंकुंम, चन्दन, कुष्ठ और गोरोचन मिलाकर वरुण का आवाहन और पूजन होता है। नवग्रहों का आवाहन करके ग्रहमख किया जाता है। पूजा हो जाने पर सहस्राक्षेण.. इस ऋचा से और अन्य मंत्रों से शिशु का अभिषेक करके दक्षिणा, दान इत्यादि किया जाता है।

घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

घर में पूजा के लिए शास्त्रों में पंचायतन देवता मुख्य बताये गये हैं। ये हैं - गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य। इन पांचों देवताओं की पूजा एक साथ में होती है।

Quiz

इन में से किसने अपने सात बच्चों को पानी में फेंककर मार दिया था ?

साधकों को ऐसे लोगों से एकदम दूर रहना चाहिए जो धर्म, धार्मिक और साधना की निन्दा करते हैं । माया को पहचान लेने पर वह तुरंत भाग जाती है । ईश्वर सबके अंदर विराजमान हैं जैसे दही के अंदर मक्खन । साधना द्वारा उन्हें मथकर निकालन....

साधकों को ऐसे लोगों से एकदम दूर रहना चाहिए जो धर्म, धार्मिक और साधना की निन्दा करते हैं ।

माया को पहचान लेने पर वह तुरंत भाग जाती है ।

ईश्वर सबके अंदर विराजमान हैं जैसे दही के अंदर मक्खन । साधना द्वारा उन्हें मथकर निकालना पडता है ।

ईश्वर साकार हो या निराकार, कोई फर्क नहीं पडता । मिसरी को जिस ओर से भी निकालकर खाओ, मीठी तो लगेगी न ?

मन सफेद कपडा है । इसे जिस रंग में डुबाओगे, वही रंग चढ जाएगा ।

Copyright © 2024 | Vedadhara | All Rights Reserved. | Designed & Developed by Claps and Whistles
| | | | |