हयानन पंचक स्तोत्र
उरुक्रममुदुत्तमं हयमुखस्य शत्रुं चिरं जगत्स्थितिकरं व�....
Click here to know more..गंगा लहरी स्तोत्र
समृद्धं सौभाग्यं सकलवसुधायाः किमपि तन् महैश्वर्यं लीला....
Click here to know more..जिसके मन में पाप हो उसको कोई भी पुण्य तीर्थ शुद्ध नहीं कर पाता