तपस्या करना बहुत ही श्रेष्ठ कार्य है। लेकिन गृहस्थ के लिए देवताओं, ऋषियों, पितरों और आश्रितों के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करना ही सबसे बडी तपस्या है। महाभारत.१२.११.२१

Parv 12 Adhyay 11 Shlok 21

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