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बहुत उपयोगी है अभी मेरे लिए -Shivalika Mishra

Ram Ram -Aashish

असंख्य प्रणाम -सुदीप

आपके मंत्र मुझे बहुत खुशी और शांति देते हैं। 🌿 -अदिति अग्रवाल

हम हिन्दूओं को एकजुट करने के लिए यह मंच बहुत ही अच्छी पहल है इससे हमें हमारे धर्म और संस्कृति से जुड़कर हमारा धर्म सशक्त होगा और धर्म सशक्त होगा तो देश आगे बढ़ेगा -भूमेशवर ठाकरे

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चूहा भगाने का मंत्र क्या है?

पीत पीतांबर मूसा गाँधी ले जावहु हनुमन्त तु बाँधी ए हनुमन्त लङ्का के राउ एहि कोणे पैसेहु एहि कोणे जाहु। मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी शुभ समय पर १०८ बार जपें और १०८ आहुतियों का हवन करें। जब प्रयोग करना हो, स्नान करके इस मंत्र को २१ बार पढें। फिर पाँच गाँठ हल्दी और अक्षता हाथ में लेकर पाँच बार मंत्र पढकर फूंकें और उस स्थान पर छिडक दें जहां चूहे का उपद्रव हो।

श्रीराम जी का अचल स्वरूप

श्रीराम जी न तो कहीं जाते हैं, न कहीं ठहरते हैं, न किसी के लिए शोक करते हैं, न किसी वस्तु की आकांक्षा करते हैं, न किसी का परित्याग करते हैं, न कोई कर्म करते हैं। वे तो अचल आनन्दमूर्ति और परिणामहीन हैं, अर्थात उनमें कोई परिवर्तन नहीं होता। केवल माया के गुणों के संबंध से उनमें ये बातें होती हुई प्रतीत होती हैं। श्रीराम जी परमात्मा, पुराणपुरुषोत्तम, नित्य उदय वाले, परम सुख से सम्पन्न और निरीह अर्थात् चेष्टा से रहित हैं। फिर भी माया के गुणों से सम्बद्ध होने के कारण उन्हें बुद्धिहीन लोग सुखी अथवा दुखी समझ लेते हैं।

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अष्टाध्यायि किस विषय से संबन्धित प्रामाणिक ग्रंथ है ?

हिमवत्युत्तरे पार्श्वे सुरसा नाम यक्षिणी। तस्या नूपुरशब्देन विशल्या भवतु गर्भिणी स्वाहा॥....

हिमवत्युत्तरे पार्श्वे सुरसा नाम यक्षिणी।
तस्या नूपुरशब्देन विशल्या भवतु गर्भिणी स्वाहा॥

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