ॐ शनि कांकुली पाणीयायाम् । पालनहरि आरिक्षणी । नेम्बेंदिविरान्दिन यदू यदू । जाणनिरान्द्रि । पाषाण युगे युगे धर्मयन्त्री । फाअष्टष्यति नजर याणी धुम्रयाणी । धनम् प्रजायायाम् घनिष्टयति । पादानिदर पादानिदर नमस्तेते नमस्तेते । आदरणीयम् फलायामी फलायामी । इति सिद्धम् - प्रति दिन ७२ बार बोलें ।
घर में 2 शिवलिंग, 3 गणेश मूर्तियाँ, 2 सूर्य मूर्तियाँ, 3 दुर्गा मूर्तियाँ, 2 शंख, 2 शालग्राम और 2 गोमती चक्रों की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे अशांति हो सकती है।
पुस्तकस्था तु या विद्या
जो विद्या सिर्फ पुस्तक में हो, और हमारे दिमाग मे हो और जो ख�....
Click here to know more..मन को नियंत्रण में रखनेवाली दिनचर्या
भगवद गीता - अध्याय 11
अथैकादशोऽध्यायः । विश्वरूपदर्शनयोगः। अर्जुन उवाच - मदन....
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