असूया, अभिमान, शोक, काम, क्रोध, लोभ, मोह, असंतोष, निर्दयता, ईर्ष्या, निंदा और स्पृहा - ये बारह दोष हमेशा त्यागने योग्य हैं। जैसे शिकारी मृगों का शिकार करने के अवसर की तलाश में रहता है, इसी तरह, ये दोष भी मनुष्यों की कमजोरियाँ देखकर उन पर आक्रमण कर देते हैं।
पीत पीतांबर मूसा गाँधी ले जावहु हनुमन्त तु बाँधी ए हनुमन्त लङ्का के राउ एहि कोणे पैसेहु एहि कोणे जाहु। मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी शुभ समय पर १०८ बार जपें और १०८ आहुतियों का हवन करें। जब प्रयोग करना हो, स्नान करके इस मंत्र को २१ बार पढें। फिर पाँच गाँठ हल्दी और अक्षता हाथ में लेकर पाँच बार मंत्र पढकर फूंकें और उस स्थान पर छिडक दें जहां चूहे का उपद्रव हो।
हिरण्यवर्णाः शुचयः पावका यासु जातः सविता यास्वग्निः । या अग्निं गर्भं दधिरे सुवर्णास्ता न आपः शं स्योना भवन्तु ॥१॥ यासां राजा वरुणो याति मध्ये सत्यानृते अवपश्यन् जनानाम् । या अग्निं गर्भं दधिरे सुवर्णास्ता न आपः शं स्....
हिरण्यवर्णाः शुचयः पावका यासु जातः सविता यास्वग्निः ।
या अग्निं गर्भं दधिरे सुवर्णास्ता न आपः शं स्योना भवन्तु ॥१॥
यासां राजा वरुणो याति मध्ये सत्यानृते अवपश्यन् जनानाम् ।
या अग्निं गर्भं दधिरे सुवर्णास्ता न आपः शं स्योना भवन्तु ॥२॥
यासां देवा दिवि कृण्वन्ति भक्षं या अन्तरिक्षे बहुधा भवन्ति ।
या अग्निं गर्भं दधिरे सुवर्णास्ता न आपः शं स्योना भवन्तु ॥३॥
शिवेन मा चक्षुषा पश्यतापः शिवया तन्वोप स्पृशत त्वचं मे ।
घृतश्चुतः शुचयो याः पावकास्ता न आपः शं स्योना भवन्तु ॥४॥
संस्कृति शब्द का अर्थ क्या है?
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सत्यज्ञानानन्दं गजवदनं नौमि सिद्धिबुद्धीशम्। कुर्वे ग�....
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