Pratyangira Homa for protection - 16, December

Pray for Pratyangira Devi's protection from black magic, enemies, evil eye, and negative energies by participating in this Homa.

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भूमि को पृथ्वी नाम कैसे मिला ?

भूमि को पृथ्वी नाम कैसे मिला ?

राजा पृथु ने पृथ्वी पर अच्छे से शासन किया। उनके धर्मनिष्ठ शासन के कारण पृथ्वी समृद्ध हुई। गायों ने भरपूर दूध दिया। प्रसन्न ऋषियों ने एक महान यज्ञ किया। यज्ञ के अंत में, सूत और मगध नाम के दो समूह प्रकट हुए। ऋषियों ने उन्हें पृथु की प्रशंसा गाने का आदेश दिया। लेकिन उन्होंने कहा, 'पृथु बहुत युवा हैं। उन्होंने अभी-अभी शासन शुरू किया है। उन्होंने अभी तक कोई महान कार्य नहीं किया है। हम उनकी कैसे प्रशंसा करें?'

ऋषियों ने उन्हें भविष्य देखने की शक्ति दी। तुरंत ही सूतों और मगधों ने पृथु की भविष्य की महिमा गाई। ये गीत चारों दिशाओं में फैल गए। इस बीच, कुछ लोग दूर देश से पृथु के पास आए। उन्होंने कहा, 'हे राजन ! आपकी कीर्ति हर जगह फैल रही है। लेकिन हम पीड़ित हैं। पृथ्वी पर कुछ भी उग नहीं रहा है।  गायें दूध नहीं दे रही हैं। हमें क्या करना चाहिए?'

यह सुनकर पृथु बहुत क्रोधित हो गए। उन्होंने अपना धनुष उठाया और पृथ्वी को चीरने निकल पड़े। पृथ्वी भयभीत होकर गाय का रूप धारण कर भाग गई। वह हर जगह घूमी लेकिन कहीं छिपने की जगह नहीं मिली। अंततः वह पृथु के सामने खड़ी हो गई और विनती की, 'हे राजन ! मुझे, एक स्त्री को मारने से आपको कोई लाभ नहीं होगा। केवल पाप ही मिलेगा। इसके बजाय, पृथ्वी को समतल बनाइए। पहाड़ों को हटाइए। समतल भूमि पर खेती करने से आपको आवश्यक समृद्धि प्राप्त होगी '

पृथु ने यह बात सुनी। उन्होंने पहाड़ों को हटाया और भूमि को समतल बनाया। खेती फली-फूली। पृथ्वी समृद्ध हुई। पृथ्वी का नाम 'पृथ्वी' राजा पृथु से आया, जिन्होंने भूमि को जीवों के लिए उपयुक्त बनाया।

सीख

  • एक न्यायप्रिय शासक सभी के लिए समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करता है।
  • भसच्चे नेता वर्तमान कार्यों और भविष्य की दीर्घदृष्टि के लिए जाने जाते हैं।
  • पृथु जैसे दृढ़ प्रयास कठिन चुनौतियों को पार करते हैं।
  • समझ और बुद्धिमानी हिंसा से बेहतर परिणाम लाती है।
  • कृषि समृद्धि की नींव है, जो सभी जीवन का पोषण करती है।

 

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गुरुकुलों और गोशालाओं को पोषित करने में आपका कार्य सनातन धर्म की सच्ची सेवा है। 🌸 -अमित भारद्वाज

आपकी वेबसाइट ज्ञान और जानकारी का भंडार है।📒📒 -अभिनव जोशी

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Yeah website hamare liye to bahut acchi hai Sanatan Dharm ke liye ek Dharm ka kam kar rahi hai -User_sn0rcv

आप लोग वैदिक गुरुकुलों का समर्थन करके हिंदू धर्म के पुनरुद्धार के लिए महान कार्य कर रहे हैं -साहिल वर्मा

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गाय को मारने से क्या होता है?

गाय को मारना ब्रह्महत्या के समान है। गाय को मारनेवाला कालसूत्र नामक नरक में जाता है। गाय को डंडे मारने वाले के हाथ काटे जाएंगे यमलोक में। जिस देश में गोहत्या होती है वह देश प्रगति नहीं करती है। वहां के लोग निष्ठुर, पापी, तामसिक और शूरता से रहित बन जाते हैं।

पूजा का उद्देश्य

पूजा ईश्वर से जुड़ने और उनकी उपस्थिति का अनुभव करने के लिए की जाती है। यह आत्मा और भगवान के बीच की कल्पित बाधा को दूर करती है, जिससे भगवान का प्रकाश अबाधित रूप से चमकता है। पूजा के माध्यम से हम अपने जीवन को भगवान की इच्छा के अनुरूप ढालते हैं, जिससे हमारा शरीर और कर्म ईश्वर की दिव्य उद्देश्य के उपकरण बन जाते हैं। यह अभ्यास हमें भगवान की लीला के आनंद और सुख का अनुभव करने में मदद करता है। पूजा में लीन होकर, हम संसार को दिव्य क्षेत्र के रूप में और सभी जीवों को भगवान की अभिव्यक्ति के रूप में देख सकते हैं। इससे एक गहरी एकता और आनंद की भावना पैदा होती है, जिससे हम दिव्य आनंद में डूबकर उसके साथ एक हो जाते हैं।

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