Special Homa on Gita Jayanti - 11, December

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भगवान देख रहे हैं

भगवान देख रहे हैं

एक स्कूल की कक्षा में, एक शिक्षक भगवान के बारे में समझा रहे थे। शिक्षक ने कहा, 'भगवान हर जगह हैं। घर में, स्कूल में, पार्क में, दिन में, रात में - कोई भी जगह या समय ऐसा नहीं है जहाँ भगवान उपस्थित न हों। वे सब कुछ देखते और जानते है। आप उनसे कभी कुछ नहीं छिपा सकते।'

अर्जुन ने ध्यान से सुना लेकिन उत्सुक था। एक दिन, ब्रेक के दौरान, शिक्षक ने अर्जुन को क्रेयॉन का एक डिब्बा लाने के लिए स्टोर रूम में जाने को कहा। अंदर जाते समय, अर्जुन ने शेल्फ पर चॉकलेट का एक जार देखा। उसने सोचा, अगर मैं एक ले लूँ तो क्या होगा? यहाँ मुझे देखने वाला कोई नहीं है। उसने चारों ओर देखा, सुनिश्चित किया कि कमरा खाली हो, और जल्दी से एक चॉकलेट उसने अपनी जेब में रख ली।

बाद में, जब वह कक्षा में लौटा, तो शिक्षक ने पूछा, 'क्या तुम्हें क्रेयॉन मिले?'

'हाँ, मुझे मिले,' अर्जुन ने घबराते हुए उत्तर दिया। लेकिन शिक्षक ने कुछ अजीब देखा - अर्जुन असहज लग रहा था और अपनी जेब थपथपा रहा था, जैसे कि वह कुछ जाँच रहा हो।

शिक्षक ने उसका परीक्षण करने का फैसला किया। मुस्कुराते हुए उन्होंने पूछा, 'अर्जुन, क्या किसी ने तुम्हें रूम में देखा था?'

'नहीं, सर,' अर्जुन ने नीचे देखते हुए जल्दी से जवाब दिया।

शिक्षक ने धीरे से कहा, 'अर्जुन, भले ही किसी और ने तुम्हें न देखा हो, भगवान सब कुछ देखते है। वे हमेशा देख रहे है, तब भी जब हमें लगता है कि हम अकेले हैं। भगवान सच जानते हैं, और उनसे कुछ भी छिप नहीं सकता।'

यह सुनकर अर्जुन का चेहरा लाल हो गया। धीरे से उसने अपनी जेब से चॉकलेट निकाली और कहा, 'मुझे माफ़ करें, सर। मुझे यह नहीं लेना चाहिए था।'

शिक्षक मुस्कुराए और कहे, 'कोई बात नहीं, अर्जुन। महत्वपूर्ण बात यह है कि तुम अपनी गलती समझो। यही सही काम है।'

उस दिन से अर्जुन ने हमेशा सही काम करने का फैसला किया, तब भी जब कोई नहीं देख रहा हो।

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यह सत्य है कि ईश्वर हमे देख रहा है। -Mahesh Kumar

यह वेबसाइट अत्यंत शिक्षाप्रद है।📓 -नील कश्यप

हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल

बहुत अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है 🙏🌹🙏 -Manjulata srivastava

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भरत का जन्म और महत्व

भरत का जन्म राजा दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र के रूप में हुआ। एक दिन, राजा दुष्यन्त ने कण्व ऋषि के आश्रम में शकुन्तला को देखा और उनसे विवाह किया। शकुन्तला ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम भरत रखा गया। भरत का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके नाम पर ही भारत देश का नाम पड़ा। भरत को उनकी शक्ति, साहस और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। वे एक महान राजा बने और उनके शासनकाल में भारत का विस्तार और समृद्धि हुई।

शकुंतला नाम का क्या मतलब है?

संस्कृत में शकुंत का अर्थ है पक्षी। जन्म होते ही शकुंतला को उसकी मां मेनका नदी के तट पर छोडकर चली गयी। उस समय पक्षियों ने उसकी रक्षा की थी। कण्व महर्षि को शकुंतला पक्षियों के बीच में से मिली थी। इसलिए उन्होंने उसका नाम शकुंतला रखा।

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