Pratyangira Homa for protection - 16, December

Pray for Pratyangira Devi's protection from black magic, enemies, evil eye, and negative energies by participating in this Homa.

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भगवान गणेश राजा जनक की परीक्षा लेते हैं

भगवान गणेश राजा जनक की परीक्षा लेते हैं

ऋषि कौण्डिन्य ने यह कहानी अपनी पत्नी को सुनाई थी। यह राजा जनक के बारे में थी। जनक महान, धर्मी और बहुत उदार थे। उन्होंने सभी को दिया और कोई भी असंतुष्ट नहीं गया। जनक भगवान गणेश के भी बहुत बड़े भक्त थे।

एक दिन नारद जनक से मिलने आए। नारद ने कहा कि गणेश सभी समृद्धि के दाता हैं और इसीलिए जनक सभी को प्रदान कर सकते हैं। लेकिन जनक अभिमानी थे। उन्होंने कहा, 'नहीं, मैं अपनी संपत्ति खुद बनाता हूं। मैं कड़ी मेहनत करता हूं और धर्म को समझता हूं।'

नारद निराश हुए लेकिन चुप रहे। भगवान गणेश जनक को सबक सिखाना चाहते थे। इसलिए, गणेश ने एक कोढ़ी का रूप धारण किया। उनके शरीर पर घाव थे और खून बह रहा था। वह जनक के महल के द्वार पर गये और उन्होंने भोजन मांगा।

पहरेदारों ने जनक को सूचित किया और जनक ने उन्हें अंदर लाने के लिए कहा। कोढ़ी को कई स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। उन्होंने खूब खाया, लेकिन उनकी भूख नहीं मिटी। रसोई में सारा खाना खत्म हो गया। रसोइयों ने और खाना बनाया और जल्द ही महल में मौजूद सारा अनाज और सामान खत्म हो गया।

सैनिकों ने पूरे राज्य से खाना इकट्ठा किया। सब कुछ लाया गया, पकाया गया और परोसा गया, लेकिन फिर भी कोढ़ी भूखा था। थोड़ी देर बाद कोढ़ी ने देखा कि जनक और कुछ नहीं दे सकते। वह महल से चले गये।

वे एक गरीब जोड़े के घर गये। उन्होंने कहा, 'मुझे भूख लगी है। कृपया मुझे खाना दो।' जोड़े ने महल में जो कुछ हुआ था, उसे सुन लिया था। उन्होंने कहा, 'हम आपको ऐसा क्या दे सकते हैं जो जनक नहीं दे सकते? सैनिकों ने हमारा सारा अनाज भी ले लिया है।'

कोढ़ी ने इधर-उधर देखा और कुछ दूर्वा घास देखी। जोड़े ने इसे भगवान गणेश की पूजा करने के लिए इकट्ठा किया था। उन्होंने कहा, 'मुझे उस घास से एक पत्ता दे दो।' जोड़े ने उसे दे दिया। एक चमत्कार हुआ। घास के पत्ते से लड्डू और मोदक निकले - गणेश की पसंदीदा मिठाइयाँ। कोढ़ी ने कुछ लिया और उन्हें खा लिया। उन्होंने कहा, 'अब मेरा पेट भर गया है।'

कोढ़ी ने जोड़े को आशीर्वाद दिया और गायब हो गये। दंपति को एहसास हुआ कि यह भगवान गणेश स्वयं थे। जब जनक ने सुना कि क्या हुआ था, तो उन्हें सबक मिल गया। उन्हें समझ में आ गया कि गणेश का आशीर्वाद ही सभी समृद्धि का सच्चा स्रोत है।

सबक -

भगवान गणेश सभी समृद्धि और पूर्णता के अंतिम स्रोत हैं।

दुर्वा घास में गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने की शक्ति होती है।

सच्ची समृद्धि विनम्रता और ईश्वरीय आशीर्वाद से आती है, न कि केवल कड़ी मेहनत और गर्व से।

उदारता दिल से आनी चाहिए, न कि खुद को साबित करने की इच्छा से।

सरल भक्ति, धन के भव्य प्रदर्शन से अधिक शक्तिशाली होती है।

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बिलकुल सत्य वचन -Manjulata srivastava

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