भगवान गणेश के 16 पवित्र नामों का जप करें: बाधाओं को दूर करें।

क्या इस मंत्र को सुनने के लिए दीक्षा आवश्यक है?

नहीं। दीक्षा केवल तब आवश्यक होती है जब आप मंत्र साधना करना चाहते हैं, सुनने के लिए नहीं।

लाभ प्राप्त करने के लिए बस हमारे द्वारा दिए गए मंत्रों को सुनना पर्याप्त है।


ॐ सुमुखाय नमः । ॐ एकदन्ताय नमः । ॐ कपिलाय नमः । ॐ गजकर्णकाय नमः । ॐ लम्बोदराय नमः । ॐ विकटाय नमः । ॐ विघ्नराजाय नमः । ॐ विनायकाय नमः । ॐ धूमकेतवे नमः । ॐ गणाध्यक्षाय नमः । ॐ भालचन्द्राय नमः । ॐ गजाननाय नमः । ॐ वक्रतुण्डाय नमः । ॐ शूर्पकर्णाय नमः । ॐ हेरम्बाय नमः । ॐ स्कन्दपूर्वजाय नमः ।

अर्थ - ॐ सुमुखाय नमः - उस सौम्य मुख वाले को नमन। ॐ एकदन्ताय नमः - उस एकदंत वाले को नमन। ॐ कपिलाय नमः - उस सुनहरे रंग वाले को नमन। ॐ गजकर्णकाय नमः - उस हाथी जैसे कान वाले को नमन। ॐ लम्बोदराय नमः - उस बड़े पेट वाले को नमन। ॐ विकटाय नमः - उस विकराल रूप वाले को नमन। ॐ विघ्नराजाय नमः - उस बाधाओं के राजा को नमन। ॐ विनायकाय नमः - उस सर्वश्रेष्ठ नेता को नमन। ॐ धूमकेतवे नमः - उस धूमकेतु जैसे दिखने वाले को नमन। ॐ गणाध्यक्षाय नमः - उस गणों के नेता को नमन। ॐ भालचन्द्राय नमः - उस माथे पर चंद्रमा वाले को नमन। ॐ गजाननाय नमः - उस हाथी मुख वाले को नमन। ॐ वक्रतुण्डाय नमः - उस वक्रतुंड वाले को नमन। ॐ शूर्पकर्णाय नमः - उस बड़े कान वाले को नमन। ॐ हेरम्बाय नमः - उस करुणामय को नमन। ॐ स्कन्दपूर्वजाय नमः - उस स्कंद के अग्रज को नमन।

ये 16 नाम भगवान गणेश का एक गहन आह्वान हैं, जो उनके विभिन्न गुणों और रूपों को मान्यता देते हैं। इस श्लोक में प्रत्येक नाम गणेश के शारीरिक, आध्यात्मिक और ब्रह्मांडीय महत्व के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।

जप करने के लाभ: 

इन नामों का भक्तिभाव से जप करने से बाधाएं दूर होती हैं, कार्यों में सफलता मिलती है, और बुद्धि एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह भगवान गणेश के साथ एक गहरे संबंध का विकास करता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति प्राप्त होती है।

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