भगवान के साथ राधा रानी का एकात्म भाव

krishna and radha rani

भगवान के साथ राधा रानी के एकात्म भाव का यह चरित्र गर्ग संहिता से है।

राधा रानी सिद्धाश्रम में अपने प्रियतम भगवान की आराधना करती रहती थी।

भगवान रुक्मिणी आदि रानियों के साथ राधा से मिलने गये।

रात को रानियों ने देखा कि भगवान के चरणों में छाले पड गये हैं।

 

कारण पूछने पर भगवान ने बताया -

तुम लोगों ने राधा को बहुत ही गरम दूध पिलाया।

उसके हृदय में सर्वदा मेरे चरण हैं।

इसलिये छाले पड गये हैं।

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राधे राधे

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