Special - Aghora Rudra Homa for protection - 14, September

Cleanse negativity, gain strength. Participate in the Aghora Rudra Homa and invite divine blessings into your life.

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दिव्य आशीर्वाद: समृद्धि को आकर्षित करने के लिए ललिता देवी मंत्र

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आपकी वेबसाइट अद्वितीय और शिक्षाप्रद है। -प्रिया पटेल

बहुत बढ़िया मंत्र🌺🙏🙏🙏 -राम सेवक

इसके लिए मैं आपका हृदय से आभारी हूँ 💖... धन्यवाद 🙏 -pranav mandal

वेदधारा के धर्मार्थ कार्यों में समर्थन देने पर बहुत गर्व है 🙏🙏🙏 -रघुवीर यादव

Om namo Bhagwate Vasudevay Om -Alka Singh

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आबद्धरत्नमकुटां मणिकुण्डलोद्यत्केयूरकोर्मिरशनाह्वयनूपुराढ्याम्। वन्दे धृताब्जयुगपाशक-साङ्कुशेक्षुचापां सुपुष्पविशिखां नवहेमवर्णाम्॥ 

मैं देवी को नमन करता हूँ, जो रत्नों से जड़ी हुई मुकुट धारण किए हुए हैं, जिनके कान मणियों से जड़े कुंडलों से दमक रहे हैं, जो कंगनों और बाजूबंदों से सुसज्जित हैं। वह पैरों में छोटी घंटियों के साथ नूपुर धारण करती हैं। उनके हाथों में कमल, पाश, अंकुश, ईख का धनुष, और पाँच पुष्प बाण हैं। वह स्वर्णिम आभा वाली हैं और सौंदर्य और कृपा की प्रतीक हैं। 

आबद्ध - सुशोभित, रत्नमकुटां - रत्नों का मुकुट, मणिकुण्डल - मणियों से जड़े कुंडल, उद्यत्केयूर - कंगनों से सुसज्जित, कोर्मि - बाजूबंद, रशनाह्वय - कमरपट्टा, नूपुराढ्याम् - नूपुर से युक्त, वन्दे - नमन करता हूँ, धृत - धारण करती हैं, अब्ज - कमल, युग - युगल, पाश - पाश, साङ्कुश - अंकुश, इक्षुचापां - ईख का धनुष, सुपुष्प - सुंदर पुष्प, विशिखां - बाण, नवहेमवर्णाम् - स्वर्णिम वर्ण

सुनने के लाभ:

इस मंत्र को सुनने से दिव्य आशीर्वाद, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है। यह जीवन की बाधाओं को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। देवी की दिव्य छवि की कल्पना से मन और आत्मा में शांति और सद्भाव स्थापित होता है, जिससे दिव्यता से गहरा संबंध बनता है।

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अन्नदान का महत्व क्या है?

जिसने इहलोक में जितना अन्नदान किया उसके लिए परलोक में उसका सौ गुणा अन्न प्रतीक्षा करता रहता है। जो दूसरों को न खिलाकर स्वयं ही खाता है वह जानवर के समान होता है।

व्यक्तिगत निष्ठा समाज की नींव है

व्यक्तिगत भ्रष्टाचार अनिवार्य रूप से व्यापक सामाजिक भ्रष्टाचार में विकसित होता है। सनातन धर्म के शाश्वत मूल्य- सत्य, अहिंसा और आत्म-संयम- एक न्यायपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। केवल इन गुणों की घोषणा करना ही पर्याप्त नहीं है; उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर वास्तव में अभ्यास किया जाना चाहिए। जब व्यक्तिगत अखंडता से समझौता किया जाता है, तो यह एक लहरदार प्रभाव पैदा करता है, जिससे सामाजिक मूल्यों का ह्रास होता है। यदि हम व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा के महत्व को नजरअंदाज करेंगे तो समाज को विनाशकारी परिणाम भुगतने होंगे। समाज की रक्षा और उत्थान के लिए प्रत्येक व्यक्ति को इन मूल्यों को अपनाना चाहिए और अटूट निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए।

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