महाभारत में प्रसिद्ध गंगाद्वार कहां है?

गंगाद्वार महाभारत में वर्णित एक महत्वपूर्ण स्थान है। जानें इसके महत्व के बारे में और यह आज भी क्यों पूजनीय है।

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हरिद्वार या हरद्वार को ही गंगाद्वार कहते है। यहीं गंगाजी पर्वतों से निकल कर समतल भूमि में आती है।

 

गंगाद्वार इन कारणों से प्रसिद्ध है -

  • यहां शंतनु के पिताजी राजा प्रतीप ने तपस्या की थी।
  • भरद्वाज मुनि कुछ समय के लिए यहां रहे थे।
  • तीर्थयात्रा के दौरान अर्जुन यहां आये थे।
  • यहां के कोटितीर्थ में स्नान करने से पुण्डरीक यज्ञ का फल मिलता है।
  • अगस्त्य और लोपामुद्रा ने यहां तपस्या की थी।
  • जयद्रथ ने यहीं तपस्या करके शिव जी से वर पाया था।
  • यह स्वर्गलोक का द्वार है।
  • दक्ष प्रजापति ने यहां यज्ञ किया था।
  • भीष्म जी ने जब यहां श्राद्ध किया था तो पिण्ड को स्वीकार करने नदी से उनके पिता शंतनु का हाथ प्रकट हो गया था।
  • धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती का देहांत यहीं हुआ था।
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