भक्ति, प्रेम और कृष्ण का मार्गदर्शन के लिए मंत्र

गोपालाय विद्महे गोपीजनवल्लभाय धीमहि तन्नो बालकृष्णः प्रचोदयात्

मैं गोपाल का ध्यान करता हूँ, गोपियों के प्रिय कृष्ण का चिंतन करता हूँ, और बाला कृष्ण से प्रेरणा और मार्गदर्शन की प्रार्थना करता हूँ।

इस मंत्र को सुनने से आध्यात्मिक और मानसिक लाभ मिलते हैं क्योंकि यह भगवान कृष्ण के दिव्य गुणों का आह्वान करता है। यह मन को शांति देता है, आंतरिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है। यह कृष्ण को समर्पित एक गायत्री मंत्र है, जो भक्ति और ईश्वर से जुड़ने की भावना को बढ़ाता है, विशेष रूप से उनके प्रेमपूर्ण और बालस्वरूप पर ध्यान केंद्रित करता है। यह मंत्र ज्ञान, मार्गदर्शन और स्पष्टता को प्रोत्साहित करता है, जिससे यह आध्यात्मिक विकास और समझ की तलाश करने वालों के लिए उपयोगी होता है। साथ ही, यह आनंद, पवित्रता और मासूमियत की भावना को जाग्रत कर सकता है, क्योंकि यह बाल कृष्ण के बालस्वरूप को याद करता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और प्रेम का संचार होता है।

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