अग्निदेव को कच्चा मांस भी क्यों खाना पडता है? कारण जानने इस प्रवचन को सुनिए।
भृगु महर्षि के शाप के कारण। एक राक्षस महर्षि की पत्नी का अपहरण कर रहा था। उनकी यागशाला में विद्यमान अग्निदेव ने उसे नहीं रोका।
महर्षि की पत्नी पुलोमा जब छोटी बच्ची थी तो एक बार वह खाना नहीं खा रही थी, रो रही थी। उस समय पुलोमा के पिता ने कहा था - हे राक्षस, आकर इसे ले जा। यही राक्षस उस समय पुलोमा के घर मे छुपा था। उसको लगा लडकी मिल गयी। पर बाद में पुलोमा का विवाह भृगु महर्षि के साथ कराया गया।
पुलोमा को आश्रम में देखकर राक्षस ने उसे पहचान लिया। अपहरण से पहले यागशाला में विद्यमान अग्निदेव से पूछा - यह वही है न?
अग्नि भगवान ने हां कहा। और उसने पुलोमा का अपहरण किया। यह जानकर महर्षि ने अग्निदेव को श्राप दिया कि तुम सर्वभक्षी बन जाओगे।
राक्षस सही ही तो कह रहा था। पुलोमा वही लडकी थी। वे झूठ कैसे बोलते?
उससे पहले अग्निदेव घी और दूध जैसे पवित्र वस्तुओं को ही ग्रहण करते थे। अब उनको कच्चा मांस भी खाना पडेगा।
उन्होंने कहा कि जिसका मैं ग्रहण करता हूं वह देवताओं का भोजन बन जाता है। अपवित्र वस्तुओं का ग्रहण करके मैं देवताओं को अपवित्र नहीं करूंगा। अग्निदेव यज्ञों में प्रकट होना बंद कर दिये।
ब्रह्माजी ने अग्निदेव को समझाया - आप ऐसा करेंगे तो देवता लोग भूखे रह जाएंगे। अपवित्र वस्तुओं को आप को सिर्फ अपने अपान देश के ज्वालाओं से ही ग्रहण करना होगा। इसलिए आपका मुंह अशुद्ध नहीं होगा। अग्नेदेव वापस आ गये।
उन्होंने सिर्फ राक्षस के सवाल का जवाब दिया। उन्हें राक्षस को यह बताना चाहिए था कि - पुलोमा के पिता ने जो कहा था वह सिर्फ लौकिक शब्द थे। जब कि भृगु महर्षि के साथ इसका विवाह वेद मंत्रों का उच्चार करके हुआ था। वेद मंत्र सर्वदा सच होते हैं, अर्थहीन नही होते। लौलिक शब्द मजाक में भी हो सकते हैं।इसलिए यह महर्षि की ही पत्नी है, तुम्हारी नहीं। उन्होंने ऐसा अही किया। इसलिए श्रापित हो गये।
Astrology
Atharva Sheersha
Bhagavad Gita
Bhagavatam
Bharat Matha
Devi
Devi Mahatmyam
Ganapathy
Glory of Venkatesha
Hanuman
Kathopanishad
Mahabharatam
Mantra Shastra
Mystique
Practical Wisdom
Purana Stories
Radhe Radhe
Ramayana
Rare Topics
Rituals
Rudram Explained
Sages and Saints
Shiva
Spiritual books
Sri Suktam
Story of Sri Yantra
Temples
Vedas
Vishnu Sahasranama
Yoga Vasishta